दोस्तों कुछ ऐसा लगता है कि PETA-INDIA अब पागल हो गया है(PETA INDIA becomes mad) । इन्होने हाल ही में राखी के पवित्र बंधन पर भी अपनी तुच्छ मानसिकता का प्रदर्शन दिया है। भारत में गाय को पूजा जाता है और माता का दर्जा दिया गया है और राखी का त्यौहार भी पवित्र माना गया है लेकिन इन्होने हमारे धर्म को बीच में रखकर अपने तुछ और अर्थहीन compaign को राखी के साथ जोड़ दिया है। आईये पहले आपको बताते है क्या किया है पता इंडिया ने-
आखिर PETA-INDIA ने किस प्रकार अकारण धर्म को बीच में लाया
दरअसल बात यह है कि PETA-INDIA ने हाल ही में अपने compaign में हिन्दू त्यौहार पर निशाना साधते हुए कहा कि रक्षा-बंधन पर चमड़े का उपयोग मत करे और गाय को भी अपनी बहन मानकर उसकी रक्षा कीजिए। यह तो निशानी हुयी इनकी मूर्खता की।
भला मुझे कोई बताये रक्षा-बंधन पर चमड़े का उपयोग होता ही कब है ? किसी भी राखी में चमड़े का उपयोग नहीं होता । और दोस्तों मैं आपको यहाँ यह साफ़ कर दूँ कि मैं स्वयं भी चमड़े का उपयोग नहीं करता न ही किसी को करने के लिए कहता हूँ। लेकिन इनका पागलपन समझ में नही आता कि भला इन्हे हिन्दू त्योहारों से क्या दिक्कत है?
जानिए: गाय हमारी माता कैसे है?
गाय को माने बहन
गाय को बहन कि तरह माने कहने वालों, पहले हमे यह बताओ कि जिस गाय को हमने अपनी माता का दर्जा दे ही दिया अब उसके सत्कार के लिए बहन माने? भला माँ बड़ी हुयी या बहन?
अब यह विदेशी लोग हमे हमारी संस्कृति समझाएंगे? हमारी संस्कृति में कही पर चमड़े का उपयोग होता ही नहीं है शायद ही कोई rare चांस हो और अगर कही पर होता भी हो तो मैं भी उसके खिलाफ हूँ । लेकिन इनका हर बार एक ही धर्म कि भावनाओं के साथ खेलने का क्या तुक बना ?
पहले लगता था कि यह बढ़िया कार्य कर रहे है, लेकिन अब समझ आया कि इनकी भी मानसिकता तुच्छ ही है । अगर इन्हे जानवरों से इतना ही लगाव है तो फिर चीन या फिर पाकिस्तान में अपना कार्यालय क्यों नही खोलते? अगर ऐसे देश में खोल लें फिर हम भी कहेंगे इनके कार्य सराहनीय है। लेकिन यह सिर्फ दोगले है और हमारी संस्कृति को नष्ट करने के हथकंडे अपना रहे है।
आप सभी भी इसके विरुद्ध आवाज जरूर उठाये और यह आर्टिकल जरूर शेयर करे ताकि इन्हे भी इनके पागलपन का एहसास हो और यह जो हमे नासमझ समझने कि कोशिश कर रहे है इनका भ्रम दूर हो जाए।
Image Source: PETA-INDIA