यदि जिंदगी सरलता से जीनी है तो जानिए आचार्य प्रशांत जी की यह 8 बातें |

छिपाते अपनी हार नहीं  इंसान है अवतार नहीं थकते भी है रूकते भी है  पर मैदान मे पीठ दिखाना कभी हमें स्वीकार नहीं|

जो समय गँवाता जा रहा है , उससे ज्यादा नुकसान कोई नहीं कर रहा है अपना!  धन मिल सकता है आगे ,  पचासों चीजें और मिल सकती है आगे| जो समय बीत गया आज , वो मिल सकता है आगे ?

जो है वो जाता नहीं  जो गया वो वापस आता नहीं |

प्रकृति तुम्हे फ़साने के लिए नहीं ,  तुम्हें  सिखाने के लिए संसार की रचना की है |लेकिन हम ऐसे सूरमा है की जो चीज सिखाने के लिए भी दी जाती है, हम उसमे भी फँसने के तरीके खोज लेते है

लोग तुम्हें नहीं चाहते, तुम्हारे द्वारा उनको  जो मिल रहा होता है , उस चीज  को चाहते है |

उदास होते हो तो दूसरों  की वजह से , उतेजित होते हो तो दूसरे की वजह से ,   अकांक्षा है तो दूसरे की ,  और डर है तो दूसरे से , सब कुछ तो दूसरे का ही है  आपका अपना है क्या ?

सच जानना है यदि दुनिया का  तो सीधा तरीका है, तुम सच्चे हो जाओ | तुम सच्चे हो जाओ , जो सच्चा है वो तुम्हारे साथ चल देगा !  जो झूठा है वो अपने आप बिदक जाएगा |

जीने का मजा तब आता है, जब एक बहुत उंचा मकसद तुम्हारी जिंदगी पर छा जाता है |