दोस्तों, जिंदगी में हर व्यक्ति ही ऊंचाई पर उड़ना चाहता है और सफलता प्राप्त करने के बाद ऊंचा उड़ने भी लग जाता है। अधिकतर सभी अपनी सफलता को लेकर अहं में आ जाते है कि अब तो मेरे पास बहुत कुछ है और जो दूसरे लोग है वह उनसे नीचे के दर्जे के है। इसलिए दूसरों से बेफालतू बोलना और अपनी अकड़ दिखानी शुरू कर देते है।
इतना अहंकार आ जाता है कि वह अहंकार से ही भरे रहते है। लेकिन ऐसे लोग एक बात हमेशा याद रखे, ऊंचा वही उड़े रह सकता है,जिसमे अहम न हो। यह बात हमेशा जीवन में गाँठ बिठा लीजिये कि जो जितना हल्का होता है ,वही उतना ऊँचा जा सकता है ।
अहंकार व्यक्ति को भारी कर देता है ,इसलिए दोस्तों हमेशा अहम् से रहित रहिये और दिल में सभी के लिए दया भाव और प्यार रखिये ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति Nikhil जी । कहते है कि असफलता मे संयम रखना आसान होता है लेकिन सफल होने पर संयम रखना कठिन होता है और जो सफलता मिलने के बाद भी अहंकार नही करता और विनम्रता का साथ नही छोडता वही और ऊपर उठता है ।
शुक्रिया बबिता जी….