हिन्दू धर्म , जैन धर्म तथा सिख धर्म में दिवाली क्यों मनाई जाती है ,इन धर्मों में दिवाली की क्या-क्या मान्यतायें है यह तो आपने पढ़ ही लिया होगा। अब आज जानते है कि बोद्ध धर्म के लोग किस मान्यता को लेकर दिवाली मनाते है।
बोद्ध धर्म में दिवाली क्यों मनाते है
बोद्ध धर्म के लोगो की भी दिवाली मनाने के लिए अपनी ही मान्यता है ,आईये उस मान्यता के बारे में जानते है –
गौतम बोद्ध जी
बोद्ध धर्म में मान्यता है कि गौतम बोद्ध जी ने जब अपना घर-भार छोड़कर सन्यास लिया था तो उसके 17 वर्षों बाद वह अपने नगर कपिल वस्तु लौटे थे। गौतम बोद्ध जी के आने की ख़ुशी में नगरवासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
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गौतम बोद्ध जी ने उपदेश देते हुए कहा कि अप्पों दीपो भवः । इसलिए बोद्ध धर्म में भी काफी लोग आध्यतमिक रूप से भी दिवाली मनाते है।
सम्राट अशोक
बोद्ध धर्म के लोगों में एक अन्य मान्यता के अनुसार इस दिन ही सम्राट अशोक ने अपनी हिंसक प्रवृति को छोड़ा था और वह बोद्ध धर्म को अपनाकर अहिंसक बन गया। इस ख़ुशी में वहा के लोगों ने दीये जलाकर अपनी ख़ुशी व्यक्त की थी।
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