Sachhe Rishte To Ruho Ke Hote Honge
रिश्ते वह नहीं होते जो सिर्फ करीबी हो,
न ही रिश्ते वह होते है जो दिखावे वाले हो।
सच्चा रिश्ता तो दिल से बनता है
कभी कोई दोस्त बनकर सच्चा रिश्ता निभा जाता है ,
तो कभी कोई अनजान व्यक्ति
चलती राहो में तब हमारा साथ दे जाता है
जब कोई भी साथ न दे रहा हो।
शायद खून के रिश्तो से अधिक ,
रूहों का आपस मे लगाव होता हो ,
इसीलिए तो अनजान व्यक्ति बेगाना खून होने के बावजूद भी ,
हमारा साथ निभा जाते है या हमारी मदद कर जाते है ।