हिन्दू धर्म में दिवाली का त्यौहार मनाने की भी अनेक धारणाये है ,आईये जानते है ,हिन्दू धर्म में दिवाली का त्यौहार किस-किस धारण को लेकर मनाया जाता है
श्री रामचंद्र जी की वापसी
दीपावली का त्यौहार दशहरे से 20 दिन बाद मनाया जाता है। दशहरे वाले दिन ही श्री रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण का वध किया था।
जानिये जैन धर्म में दिवाली किस मान्यता को लेकर मनाई जाती है
रावण का वध करके जब रामचन्द्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके वापिस अयोध्या लोटे थे ,तब उनके आने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर सारा नगर रोशन किया था ,उस दिन से सभी हिन्दू कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्यौहार मनाते है।
हिरण्यकश्यप
दिवाली का त्यौहार मनाने की एक अन्य मान्यता भी है।
कहते है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार धारण करके अत्याचारी और नास्तिक हिरण्यकश्यप का वध किया था।
देवी लक्ष्मी
पौराणिक कथायों के अनुसार कहा जाता है कि जब देवता समुद्र मंथन कर रहे थे तब इसी दिन समुद्र मंथन करते समय ,दूध के सागर से जिससे केसर का सागर भी कहा जाता है ,वहां से धन की देवी ,देवी लक्ष्मी उत्पन्न हुयी थी और उन्होंने सभी को सुख एवम समृद्धि का वरदान दिया था ,इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
जानिये सिख धर्म में दिवाली की मान्यता
महाराजा विक्रमादित्य
महाराजा विक्रमादित्य जोकि भारतीय इतिहास के महाप्रतापी राजाओं में से एक है ,जिनके द्वारा बनाये नियम से ही आज का हिन्दू कैलेंडर विक्रमी संवत है , उनका राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था। इस दिन की ख़ुशी में भी लोगों ने दीये जलाये थे।
पांडवो की वापसी
इसी दिन ही पांडव अपना 13 वर्ष का वनवास पूरा करके वापिस अपने राज्य लोटे थे। पांडवों के सकुशल वापिस लौटने की ख़ुशी में राज्य के लोगों ने मिट्टी के दिए जलाकर ख़ुशी मनाई थी।
माँ काली का शांत होना
जब माँ काली ने असुरों का संहार किया था और सभी असुर भी मार दिए थे तब भी माँ काली का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वह तांडव करते हुए संपूर्ण ब्रह्मांड में विचरते हुए सब कुछ तबाह किये जा रहे थे। तब उनका गुस्सा शांत करने के लिए देवताओं ने शंकर जी से गुहार लगाई। शंकर जी माता के रास्ते में लेट गए और माता का पैर उनपर आ गया ,तब माता ने जब देखा की शंकर जी उनके पैर के नीचे है , तब काली माँ का तांडव समाप्त हुआ और उन्होंने शंकर जी से क्षमा मांगी। देवताओं के अत्याचार से मुक्ति मिलने के कारण और काली माँ के शांत होने के कारण तब देवताओं ने दीप जलाये थे।
इन कुछ कारणों/मान्यतायों के कारण हिन्दू धर्म में दिवाली का त्यौहार बहुत ही ख़ुशी और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
दोस्तों हिन्दू धर्म में दिवाली क्यों मनाई जाती है ? यह जानकारी आपको कैसी लगी ,comment करके जरूर बताये। दिवाली से कुछ अन्य मान्यताएं भी है अगर आप जानते है और उन्हें हमारे और सभी के साथ share करना चाहते है तो आप comment जरूर करे या फिर contact-us form भरके हमें e-mail भी कर सकते है।
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Bahut acchi jankari…..isme se do bate mujhe pata nahi thi…..Dhanyavad!
mujhe khushi huyi ki aapko is blog par likha yeh lekh psnd aaya .