Sirf Najariya Badalne Ki Jarurat Hai
एक व्यक्ति साधु की कुटिया में एक गाय दान करके चला गया
गुरु:- बढ़िया है, गाय आ गयी, अब दूध पीने को मिला करेगा।
कुछ दिनों बाद वही व्यक्ति अपनी गाय वापिस ले गया। शिष्य गुरु जी के पास आया और बोला कि वह व्यक्ति अपनी गाय वापिस ले गया है।
इसपर भी गुरु जी बोले, बढ़िया है, गोबर साफ करने में जो दिक्कत आती थी वह अब नही आयेगी।
दोनों ही परिस्थितियों में गुरु जी ने positive behaviour रखा और दोनों को ही खुशी-खुशी स्वीकार किया। जो होना है ,होकर रहेगा, हम स्वीकार कर सके या न कर सके, इससे कोई फर्क नही पढ़ने वाला इसलिए बेहतर यही है हम स्वीकार कर ही लें।
सिर्फ नजरिया बदलने की जरूरत है,जिंदगी अपने आप बदल जाएगी। अगर कुछ बुरा हो रहा है तो उसमे भी खुशी/अच्छाई ढूंढिए तो सब बढ़िया होने लगेगा क्योंकि हमारी मनःस्थिति हमारी अपनी सोच पर ही निर्भर करती है और जब सोच ही हमेशा पॉजिटिव होगी तो मन भी पॉजिटिव और लाइफ भी पॉजिटिव ही रहेगी।
इसलिए हर बात में positivity ढूंढकर उसे स्वीकार करें।
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