दोस्तों यह लेख शुरू करने से पहले अगर आपने ज्ञानपुंजी का पिछला article नही पढ़ा तो पहले वह पढ़ लीजिए, ताकि इस लेख को समझने में आपको सरलता हो “महावीर का धर्म“।
दोस्तों अब बात करते है कि क्या दुनिया अगर महावीर जी की शिक्षा का अनुसरण करती तो कैसे वह इस भयानक दुःख से बच सकती थी ? क्या यह सम्पूर्ण संसार महावीर के मार्ग पर चलकर ही खुश रह पाएगा? दोस्तों यहां मैं एक बात पहले ही बता दूं और पिछले आर्टिकल में भी बताई, यह बात किसी धर्म विशेष की नही, बल्कि यह विचारों विशेष की है। जैसे कहते है न कि ज्ञान अगर दुश्मन से भी मिलता हो ले लेना चाहिए, वैसे ही यहां बात विचारों की है। लेकिन यहां कोई दुश्मन नही, बल्कि जिनेन्द्र भगवंत महावीर जी की बात है। बात उनकी शिक्षायों की जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व को “अहिंसा” का पाठ पढ़ाया।
दोस्तों ,जैसा कि आप सभी जानते है, आजकल सम्पूर्ण विश्व में कोरोना के कारण हाहाकार फैली हुयी है और सब इससे परेशान है। भारत हो, अमेरिका हो या इटली यानि कि दुनिया का कोई भी देश हो कोई भी इससे बचा हुआ नहीं और इससे लड़ने के लिए कोई उपाय नहीं, सबके सब आजके आधुनिक युग में भी प्रकृति के सामने बेबस नजर आते है। और आज हम दोस्तों यह बताएंगे कि आखिर महावीर जी के अनुसार कैसे इस बीमारी को टाला जा सकता था या फिर अभी भी इसे रोका जा सकता है अगर सब उनके रास्ते पर चले।
कोरोना वायरस कैसे फैला इसकी एकदम सही जानकारी तो किसी के पास भी नहीं, लेकिन चलिए जो जो भी जानकारी प्राप्त हो रही है उनके बारे में पहले चर्चा कर लेते है।
दोस्तों यह तो ऊपर बता दिए कि कोरोना वायरस विश्व में कैसे फैला अब जरा बात करते है कि कैसे महावीर जी के अनुसार इस वायरस से बचा जा सकता था या अभी भी बचाव किया जा सकता है ।
दोस्तों जैसा कि हमने बताया महावीर जी का धर्म “अहिंसा का धर्म है” उन्होंने कभी भी धर्म में भेदभाव की बात नहीं की। जो भी अहिंसक है, वह सच्चे मायनों में अपने धर्म का पालक है।
अब बात करते है इनकी इसी अहिंसा की शिक्षा की, भले ही चीन ने यह वायरस bio war के लिए बनाया हो तो भी यह हिंसा ही पैदा करने वाला था ।
या फिर भले ही चमगादड़ को खाने से यह वायरस फैला हो तो भी यह हिंसा ही पैदा करने वाला हुआ।
और तो और आज बहुत से वैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष तक पहुँच गए है कि मांसाहार खाने से उन्हें कोरोना वायरस होने के chances अधिक है। यानी कि अगर हिंसा करोगे तो अब कुदरत स्वयं आपके साथ हिंसा करेगी ।
महावीर जी की भी यही शिक्षा थी कि “प्रत्येक जीव में जान है, जिस प्रकार हमे दर्द की अनुभूति होती है उसी प्रकार अन्य जीवों को भी होती है”, इसलिए किसी के साथ हिंसा भाव न रखो ।
तो अगर आज के समय में भी सब लोग मांस इत्यादि का सेवन छोड़कर, शाकाहार को अपना लें तो अब भी इस corona virus या आने वाले प्रकृति के खतरों की रोकथाम हो सकती है और महाविनाश से बचा जा सकता है।
तो दोस्तों आप क्या कहते है, एक बार जरा धर्म का चस्मा हटाकर देखिएगा कि आपको महावीर स्वामी जी की शिक्षा कैसी लगी, बहुत से लोग पहले यह न मानते थे कि ऐसा हो सकता है लेकिन इंसान भले ही कितना भी कुछ कर लें कुदरत के आगे उसकी एक न चल सकती। तो कमेंट करके आप भी अपने विचार जरूर व्यक्त कीजिएगा।
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