जानकारीयाँ

अच्छाई अभी भी जिंदा है ;सच्ची कहानी

दोस्तों आजकल आपने बहुत बार सुना होगा या महसूस किया होगा कि अब अच्छाई रही नही, भलाई का जमाना ही नही रहा। या कोई भी किसी की मदद ही करने को राजी नही, सब अपना मतलब ही देखते है।

लेकिन दोस्तों यह बात बिल्कुल गलत है। आज आपको मैं एकदम सच्ची और अपनी खुद की कहानी बताऊंगा, जिससे आप भी यकीन करेंगे कि सब अपना मतलब ही नही देखते, कईयो को सच मे दूसरों की मदद करके अच्छा लगता है ,वो भी बिना किसी मतलब या लालच के।

बात लगभग 1.8 साल पहले की है (जी हां दोस्तों, उनके बारे में लिखने में मैंने बहुत देर कर दी।) ,जब मैंने ब्लॉगिंग नई-नई शुरू की थी। तब मुझे ब्लॉगिंग का कुछ भी नही पता था। पता तो अब भी सब नही, लेकिन थोड़ा-बहुत basic knowledge of blogging हो ही गया है।

Mostly, हर नए ब्लॉगर की ही तरह मैं भी ब्लॉगिंग सीखने के लिए दूसरे ब्लॉग्स पढ़ा करता था और उनसे देखकर ब्लॉग की setting करता था। तब शुरुआत मैंने blogspot blog से की थी। तब बाकी ब्लॉग्स देखने और वहां समझ न आने पर कमेंट करते रहना। कुछ का जवाब मिल भी जाता था और कुछ का नही। और उस समय मुझे सबसे ज्यादा दिक्कत blogger का theme बदलने की आ रही थी, जोकि मुझे बिल्कुल भी समझ नही आ रहा था कि कैसे theme change करूँ और अन्य ब्लॉग्स पर कमेंट भी किया लेकिन किसी ने help नही की।

तभी कही पर किसी (अभिषेक जी) ने मेरा कमेंट पढ़ा और उन्हें मेरा comment पढ़कर अच्छा नही लगा और उन्होंने मुझसे संपर्क किया email के द्वारा। न वह मुझे जानते थे और न ही मैं उनको, लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि theme change करने में वो मेरी हेल्प कर देंगे।

मैं यह mail पढ़कर हैरान कि कोई मेरी क्यों मदद करेगा वो भी बिना किसी बेनिफिट के? लेकिन फिर भी मैंने उन्हें रिप्लाई कर ही दिया। उन्होंने फिर कहा, “मैं उन्हें अपना पासवर्ड दे दूं या फिर teamviewer के द्वारा वो मेरे ब्लॉग का theme change कर देंगे।” वो एकदम अनजान और पासवर्ड देने में मुझे भी हिचकिचाहट, वो यह सब समझ गए और उन्होंने कहा कि teamviewer से वह सब सही कर देंगे, मैं सिर्फ उन्हें इतना बता दूं theme कौनसा लगाना है? Theme मुझे कोई मिल नही रहा था और मैंने उनसे कहा, “कोई भी अच्छा-से देखकर लगा दीजिये।” और उन्होंने एक थीम फाइनल किया और यकीन मानिए जैसा मैं थीम लगाना चाहता था, एकदम वैसा ही था, जिसे मैं कितने समय से ढूंढ रहा था (लगाना नही आता था,लेकिन demo देख लिया करता था) एकदम और सबसे बढ़िया उन्होंने अपने आप लगा दिया। Blog पर थीम की सारी सेटिंग भी उन्होंने की और मुझे सीखा भी दिया, वो भी बिना किसी charge के।

जबकि अगर किसी से चार्ज लेकर भी काम करवाये तो उन्हें भी पासवर्ड देना पड़ता है, लेकिन इन्होंने सब कुछ सही कर दिया, मेरे ब्लॉग को एक नई लुक दे दी और बदले में कुछ भी नही लिया बल्कि मुझे काफी कुछ समझ मे भी आ गया। पर उसके बाद उनसे बात भी नही हुई।

उनका नाम Abhishek Malik है, जोकि HitlerUncle.com ब्लॉग को चलाते थे, अब शायद लिख नही रहे और अपने personal काम की तरफ ध्यान दे रहे है।

तो दोस्तों, यह है मेरी सच्ची कहानी, अच्छाई अभी भी जिंदा है।

एक बात बस, अच्छे रहिये और सबका अच्छा सोचते रहिये Abhishek ji की ही तरह फायदा-मुनाफा न सोचिये ,जो किस्मत में होगा ,जरूर मिलेगा, बल्कि फायदे और मुनाफे से जब ऊपर बढ़ेंगे तो इतना कुछ मिल सकता जो सोच भी नही सकते। इससे दिलों पर जीत मिलती है और उन्होंने भी मेरा हमेशा के लिए दिल जीतकर रख लिया। अनजान होते हुए भी, एकदम से मदद, सच मे…… कहानियों में पढ़ा था और सच मे मेरे साथ भी ऐसा हो गया।

Nikhil Jain

View Comments

Recent Posts

आत्म अनुशासन से बदलिए अपनी ज़िन्दगी

आत्म-अनुशासन का महत्व हमारे जीवन में बहुत बड़ा है। चाहे आप अपने व्यक्तिगत जीवन में…

4 days ago

2024 में भारतीय शेयर बाजार के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रेडिंग प्लेटफार्म

भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों (Retail Investors) की भागीदारी में जबरदस्त वृद्धि हुई है,…

2 months ago

चंद्रशेखर वेंकट रमण: भारतीय भौतिक विज्ञान के महान वैज्ञानिक

विज्ञान एक ऐसा विषय है जो प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक वस्तु की क्रमबद्ध जानकारी प्रदान…

3 months ago

सोचने से कुछ न होगा… करने से होगा Daily Motivation in Hindi

सोचने से कुछ न होगा… करने से होगा Daily Motivation in Hindi   दोस्तों, जब…

6 months ago

कल कर लूँगा – Daily Motivation in Hindi

Article on Procrastination in Hindi   दोस्तों आज मैं इस साइट पर एक Daily Motivational…

6 months ago

Money Management in Hindi – पैसों की समझ को बढ़ाती हिंदी लेख

Money Management Series #1 – in Hindi Time Management के बारे में आपने बहुत सुना,…

9 months ago