दोस्तों, वैसे तो fighting games हर किसी को पसन्द आती है और हर युवा fighting games खेलना पसन्द करता है। लेकिन आपको क्या पता है कि एक ऐसा धर्म भी है जहां लड़ाई वाली गेम्स खेलना मना है। जी दोस्तों आपने बिल्कुल सही पढ़ा, एक ऐसा धर्म भी है, जिसमे fighting games खेलनी मना है।
दोस्तों, जैन धर्म ऐसा धर्म है, जिसमे fighting games खेलनी मना है। लेकिन कोई धर्म game खेलने से आखिर क्यों मना करेगा? अगर आप आश्चर्य में है कि आखिर क्यों मना है action games जैन धर्म में, तो आइये हम आपको इस बारे में बताते है।
सब जानते है कि जैन धर्म का मुख्य सिद्धान्त अहिंसा है और इसमे नारा भी यही है कि “अहिंसा परमोधर्मः” यानी कि अहिंसा ही परम धर्म है।
तो जो action games होती है, उससे युवायों/व्यक्तियों में हिंसक भाव उत्पन्न होते है। ऐसी games खेलने से व्यक्ति हिंसक और झगड़ालू हो जाता है।
अगर आप ऐसी games खेलते है, तो आपने अपने स्वभाव पर अगर कभी ध्यान दिया हो तो आपने एक बात notice की होगी कि आप अक्सर मारने की बातें करते रहते होंगे। या आप दूसरों के साथ लड़ाई करने से कतराते नही होंगे।
दोस्तों, यही भाव है, जोकि ऐसी fighting games पैदा करती है।
ऐसा बिल्कुल नही कि आप games खेलना छोड़ दे, लेकिन अगर आप ऐसी fighting games खेलना छोड़ सकते है, तो यह न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके घर वालों और दोस्तों के लिए भी beneficial रहेगा क्योंकि ऐसा करने से आपके हृदय में सकारत्मक परिवर्तन भी आएगा।
दोस्तों, यह मनाही किसी ग्रंथ की नही है। किसी भी ग्रंथ में ऐसा नही लिखा होगा कि games न खेले क्योंकि जब ग्रंथ लिखे तब तो tech था ही नही, तब कौनसा मोबाइल या लैपटॉप हुआ करता था? यह सिर्फ एक भाव है, यह बात हमारे गुरुओं के ज्ञान ने कही है कि ऐसी games से हिंसक भाव उत्पन्न होते है और तो और अब तो वैज्ञानिक भी यह बात मानने लग गए है जबकि जैन धर्म में तो दशकों से fighting games खेलने से मना किया गया है।
दोस्तों यह बात सिर्फ धर्म की नही है कि जैन धर्म में ही ऐसी games खेलनी मना है। जैन धर्म सिर्फ अहिंसक होने को कहता है। अगर आप भी चाहते है आपके विचारों में क्रूरता न आये तो आप भी ऐसी games खेलनी छोड़ दें। यह बात धर्म की नही, बल्कि विचारों की है।
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Ji bahut achhi jankari diya apne ..
Ye to hmne v nhi socha kbhi ki fighting games se aisa v kuch hota h ....
THANKS ji ☺️
Ji apki post bhot acchi lagi very nice __lekin Mera ek sawal hai -Agar samne wala byakti ya padosi hamse games khele ya jhagda Kare hamare sath hinsa Ka bartaab karei ya hath uthaye to hame kya Karna chahiye chupchap sehna Chahiyen ??
आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए मैं दो बातें कहूंगा
पहली, हम किसी अन्य को तो रोक नही सकते गेम खेलने के लिए ,जब तक कि वह हमारा कोई काफी करीबी न हो। अगर कोई करीबी खेलता भी है, तो हर एक गेम से ही नही, बल्कि हिंसक गेम खेलने से मना करने चाहिए, जिससे मनुष्य में क्रोध भावना अधिक बढ़ती है।
और दूसरी
वैसे तो कोई हिंसा का बर्ताव क्यों करेगा किसी के साथ? लेकिन अगर करे, तो गृहस्थ जीवन अगर व्यतीत कर रहे है, यानी कि अगर दुनियादारी में रहकर उस आचरण का पालन कर रहे है तो आत्मरक्षा का अधिकार आपको है या फिर आप complaint भी उसके against file कर सकते है।
Achchi bat hai game khelna hi nahi chahiye
Achhi baat hai hume sach me game nhi khelna chahiye aur pahli baat ki Jo log game khelte hain unke sochne ki chhamta bhi kam ho jaati hai