कबीर जी के दोहे (Kabir Ji Ke Dohe) 2

दोस्तों आप सभी लोगों ने कबीर जी के दोहे बहुत बार पढ़े-सुने होंगे। उनके दोहों के अर्थ भी पढ़े-सुने होंगे। परन्तु मैंने उनके दोहे का विस्तार से अर्थ स्पष्ट करने का प्रयतन किया है। क्यूंकि बहुत से उनके दोहे ऐसे है जिनका अर्थ शब्दों की गहराई में छुपा हुआ होता है और कई बार उनके … Read more

चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) 2

पहले भी आचार्य चाणक्य जी के कुछ विचार Post किये जा चुके है, उन्हें पढ़ने के लिए click करें।  आचार्य चाणक्य जी के कुछ अन्य विचार जो हमारे जीवन में आज भी बहुत अहम भूमिका निभाते है। कोयल का सौंदर्य है उसकी बोली ,स्त्रीका सौंदर्य है उसका पतिव्रत होना। कुरूप का सौंदर्य है उसकी बुद्धि … Read more

चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) 1

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक कुशल राजनीतिज्ञ थे। वैसे तो कहा जाता है कि चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य राज्य की स्थापना की परन्तु अगर आचार्य चाणक्य न होते तो इनके ज्ञान के बिना चन्द्रगुप्त मौर्य सफल नहीं हो सकते थे। आचार्य चाणक्य ने ही चन्द्रगुप्त को इतना प्रशिक्षित किया की वह अपना एक अलग … Read more

कबीर जी के दोहे (Kabir Ji Ke Dohe) 1

राम नाम के पटंतरै, देबे को कछू नाहिं।  क्या लै गुर संतोखिए, होंस रही मन माहीं।। अर्थ : कबीर जी  कहते है की राम नाम की बराबरी में मेरे पास अपने गुरु को देने के लिए कुछ  है , अर्थात राम नाम की जो सीख  उनको उनके गुरु  ने दी है ,उसकी बराबरी में मेरे … Read more