रूप नहीं किस्मत मांगे (Roop Nahi Kismat Mange)
राजा चतुरसेन बहुत ही पराक्रमी और महान शाशक थे। उनके राज्य में जनता सुख-शान्ति से रहा करती थी और वह बहुत ही दयालु तथा न्यायप्रिय राजा थे। बस उनकी एक कमी थी जो जनता को पसंद नहीं थी ,वह कुरूप थे। एक बार की बात है, राजा के दरबार में एक नृतिका आयी। वह … Read more