ऐसी बातें जो माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सीखाएं

हर अभिभावक चाहता है कि उनका बच्चा उनसे भी अच्छा इंसान बने । इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसी अच्छी आदतें बताएंगे जो आपको बच्चों को जरूर सीखानी चाहिए। इसीलिए इस बदलती दुनिया में वह संवेदनाएं बचाये रखने की कोशिश में लगा रहता है । इन्हीं में से एक है प्रकृति और प्राणियों की परवाह। … Read more

अतिथि… हमारे सुख/दुख के साथी

अतिथि देवो भव पर निबंध

अतिथि कौन है? हम अतिथि को मेहमान के नाम से भी जानते है| हमारी भारतीय संस्कृति में अतिथि सम्मान के सूचक है | अगर हम पहले समय की बात करें तो अतिथियों का आदर सम्मान करने की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है |जब भगवान श्री कृष्ण के यहाँ सुदामा एक अतिथि … Read more

इच्छाओं पर मर्यादा अति आवश्यक है अन्यथा….

इच्छाओं पर नियंत्रण रखें मानव जीवन बड़े विरोधाभास से भरा पड़ा है । इसे खतरे भी बहुत है इसीलिए कदम-कदम पर सावधानी की आवश्यकता भी है। सबसे ज्यादा खतरा इसे उनसे है। जिनके सहारे यह चल रहा है । देखिये, आग नहीं तो जीवन नहीं, परन्तु इसी आग से कितना खतरा है । हम अनेक … Read more

आत्मकल्याण क्यों जरूरी है?

दोस्तों आत्मा की इतनी बात हो गयी, तो अब बात यह भी कर ही लेते है कि आत्म-कल्याण क्यों जरूरी है? जैसा कि आप सभी जानते ही है, यह शरीर नश्वर है, और कोई भी इस जगत में हमेशा के लिए नही विचार सकता सबकी मृत्यु निश्चित है, भले ही वह मनुष्य हो या कोई … Read more

आत्मकल्याण का पर्व: पर्वराज पर्युषण

दोस्तों, यूं तो सभी पर्व/त्योहार हमारे तथा हमारे समाज के लिए अति-महत्वपूर्ण है और आपस में भाईचारा भी बढ़ाते है। यह त्योहारों की ही खासियत है कि हम सब लोग आपस में मिल-जुलकर रहते है। आज के वक्त मे किसी के पास समय नही है, लेकिन यह त्योहार ही है, जो हमे एक कर देते … Read more

पर्वराज पर्युषण को कैसे मनाएं कैसे आत्म कल्याण की ओर अग्रसर हो

पर्वराज पर्युषण आज से शुरू हो गया है और आठ दिन तक चलेगा। आप में से अधिकतर पर्युषण के बारे में शायद नही जानते होंगे, लेकिन इन 8 दिनों में आप बहुत कुछ जानेंगे और सीखेंगे और महसूस करेंगे यह कोशिश रहेगी। इसे पर्वराज क्यों कहा जाता है क्योंकि सब कहेंगे यह त्योहार सबसे बेहतर … Read more