दोस्तों आपमे से काफी लोग होंगे जो कहेंगे कि यह साल मेरा काफी बढ़िया निकला और काफी ऐसे भी होंगे जो कहेंगे कि यह साल मेरा काफी बुरा निकला। काफी बुरा उनके साथ हुआ।
दोस्तों, साल तो साल ही है, दिन आते और जाते रहते है, इसी तरह से साल भी बीत जाते है। कोई भी साल हो, अच्छा या बुरा नही होता, हम है, जो उसे अच्छा या बुरा कहते है क्योंकि हम हर एक की ज़िन्दगी अलग-अलग है। हर एक के अलग-अलग कर्म है। हर कोई अलग सोच के साथ कार्य करता है। साल तो वही है, जो है, तो किसी के लिए अच्छा या बुरा कैसे हो सकता है?
दरअसल, यह हमारी ही सोच है, जो साल को अच्छा या बुरा बना देती है।
जो कहते है यह साल तो काफी अच्छा निकला
जो लोग कहेंगे कि यह साल तो काफी अच्छा निकला उन लोगो ने स्वयं अच्छे कार्य किये होंगे, इसलिए उनके लिए अच्छा निकला। जैसे कि
- या तो उन लोगो को व्यापार में काफी मुनाफा हुआ होगा।
- नौकरी करने वालो को प्रमोशन मिला हो सकता है।
- विद्यार्थी जीवन में किसी ने अच्छे अंक प्राप्त किये हो सकते है।
- किसी युवा/युवती का विवाह हुआ होगा।
- अगर विवाहित है तो किसी के घर में नए सदस्य ने जन्म लिया होगा।
और फिर, फिर सड़ वही circle घूमेगा, उनके परिवार में किसी के अच्छे अंक, व्यापार में मुनाफा, विवाह इत्यादि।
यह तो हो गयी बात, जिनके लिए यह साल अच्छा निकला, अब आते है उस बात पर जो कहेंगे हमारे लिए बुरा निकला।
जो कहते है यह साल तो काफी बुरा निकला
दोस्तों, जो कहेंगे कि यह साल तो काफी बुरा निकला, उनके साथ भी निम्न में से कुछ हुआ होगा-
- व्यापार में घाटा प्राप्त हुआ हो सकता है।
- नौकरी करने वालो में से या तो नौकरी गयी हो, या demotion हुआ हो।
- विद्यार्थी जीवन में किसी के अच्छे अंक न आये हो, या फिर पास होने से रह गया हो।
- किसी के घर में किसी सदस्य को कोई बड़ी बीमारी हो गयी हो या फिर उनसे हमेशा के लिए बिछुड़ गया हो।
दोस्तों, जो भी ऊपर नए साल को लेकर अच्छी या बुरी, दोनों बातें बताई है, उनमे से अधिकतर हर बात, किसी न किसी के जीवन में किसी भी साल हो ही जाती है।
- किसी को मुनाफा तो उसे ही कभी घाटा।
- अगर विवाह हुआ, तो एकदिन अंत के बिछड़ना भी है ही।
- जन्म हुआ किसी का, तो कभी बिछोड़ा भी होगा ही।
- अगर कोई पास नही हुआ, तो उसमे उसने कम मेहनत की, इस कारण वह परीक्षा में असफल रहा।
- अगर कोई सफल हुआ, तो वह उसकी कड़ी मेहनत के ही कारण।
तो दोस्तों, मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि ज़िन्दगी में अच्छे दिन, बुरे दिन, अच्छी खबरे और बुरी खबरे सब कभी न कभी मिल ही जाती है, क्योंकि यह जीवन है, अजर-अमर कोई नही।
इसी बात पर एक चुटकुला भी याद आ गया मुझे, जोकि हंसाने के साथ-साथ शिक्षा भी दे देता है।
चुटकुला जिसमे छिपा है खुश रहने का राज

हर साल गवाह रहा है
कि कोई भी साल
366 दिन से ज्यादा तक नही टीका।
दोस्तों, पहली नजर में तो यह चुटकुला है, लेकिन इसमे भी सच्चाई ही भरी हुई है। सच ही है, हम कहते है यह साल बहुत बढ़िया रहिया या कोई कहता है बहुत बुरा रहा, लेकिन कोई भी साल 366 दिन तक का ही होता है।
अगर यह अच्छा रहा तो भी ज्यादा मत फुलिये क्योंकि ज़िन्दगी अभी बाकी है, अगले साल भी आने है।
अगर बुरा भी रहा, तो भी ज्यादा मत परेशान होईये, ज़िन्दगी अभी बाकी है, अगले साल भी आने है।
बस इतना याद रखिए कोई भी साल 366 दिन से ज्यादा नही टीका।
पढ़िए : चुटकला जो टीचर को टीचिंग सीखा दे
Inspiration कुछ और नही, सिर्फ हमारी सोच होती है
दोस्तों, Inspiration कुछ और नही, सिर्फ हमारी सोच होती है। हम किस चीज को किस नजरिये से सोचते है, यह हम पर निर्भर करता है।
तो अगर बुरा भी रहा यह साल, हिम्मत मत हारिये, हौंसला रखिये अच्छा समय भी जरूर आएगा।
अगर अच्छा भी रहा, तो भी ज्यादा मत फुलिये, ज़िन्दगी है, कभी हमारी तरफ, तो कभी हमारे खिलाफ। तो life को अच्छे से जीने के लिए balance बनाये रखिये।
दोस्तों इसी आर्टिकल में आप सबके इस प्रश्न का भी उत्तर है ज़िन्दगी को achhe तरीके से कैसे जीये?
उम्मीद करता हूँ, यह आर्टिकल आप सभी को पसन्द आया होगा और जो मैं आप सब को कहना चाहता हूँ, आप समझ गए होंगे। अगर आपके कोई भी सवाल हो तो कमेंट करके आप पूछ सकते है।
आर्टिकल अपने दोस्तों के साथ सांझा करना मत भूले।
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Achha likha hai apne , isko aur behtar banane ki koshish kijiye.
thanks bhai apke good artical ke liye