आईये पहले क्रोध करने से होने वाले नुकसानों के बारे में जान ले-
क्रोध करने के तो बहुत सारे नुकसान है,शायद आप कई नुकसानों को जानते भी हो, लेकिन फिर भी आईये कुछ नुकसानों के बारे में विस्तार से जान ले।
क्रोध बुद्धि का विनाश कर देता है। जब भी मनुष्य को तीव्र क्रोध आता है ,चाहे वह कितना भी समझदार क्यों न हो, उसकी बुद्धि उसका साथ नहीं दे पाती और वह कुछ ऐसा भी करने को आतुर हो जाता है,जो वह कभी सपने में भी भूलकर भी न सोच सकता हो। यानी की क्रोध सबसे भयंकर है। यह अच्छे-से-अच्छे व्यक्ति को भी दानव की तरह बना देता है। क्रोध के आवेश में आकर मनुष्य की बुद्धि का विनाश हो जाता है।
क्रोध करने से इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ,जिसके फलस्वरूप उसे यह नहीं ध्यान रहता कि वह क्या बोल रहा है? या फिर क्या कर रहा है? किसी की छोटी-सी गलती पर भी एकदम इंसान क्या-क्या कर जाए मालुम नहीं, जिससे करीबी रिश्ते भी टूट जाते है। कई बार तो क्रोध होता भी ऐसा है कि दूसरे ने गलती भी नहीं की होती बस गलतफहमी की वजह से शक हो जाता है और गुस्सा करके इंसान अपने सबसे करीबी को भी ऐसी-ऐसी बातें कह देता है जो वह सोचता भी न हो । इस प्रकार गुस्सा अच्छे से अच्छे रिश्तों में भी कड़वाहट पैदा कर देता है।
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कुछ लोग क्या करते है कि गुस्सा किसी व्यक्ति पर आया होता है, लेकिन निकाल अपने किसी चीज पर देते है। जैसे कि किसी को phone पर किसी से किसी बात को लेकर साधारण सी भी लड़ाई हो गयी, तो कई लोग क्या करते है कि phone को दीवार में दे पटकेंगे।
अब आप ही सोचिये जरा कि चलो किसी पर गुस्सा आया तो आया ,लेकिन अपना ही phone दिवार में देकर पटकने से क्या मिल गया? या कुछ तो ऐसे भी होते है, जो भी हाथ में हो वही चीज तोड़ देंगे। मतलब नुक्सान तो उसने अपना ही किया। अपनी ही सम्पति का नुक्सान कर दिया। क्या यह सही है? गुस्सा किसी और पर और नुक्सान अपनी ही चीज का। इसलिए गुस्सा न ही करे तो ही बेहतर है क्योंकि यह बहुत ही हानिकारक है।
हम जब गुस्सा करते है, इससे हमारी ही सेहत खराब होती है। हमारे दिमाग की सोचने-समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है और शरीर में रक्त का बहाव भी तीव्र हो जाता है ,जिससे blood-pressure भी बढ़ जाता है, और दिमाग पर भी बोझ इतना अधिक हो जाता है कि हमारे शरीर की नाड़ियो पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और इससे लकवा भी हो सकता है।
जरा सोचिए दोस्तों कि गुस्सा करना सही है अथवा नहीं? कुछ समय का क्रोध या यूं कहें कुछ seconds का गुस्सा हमारी पूरी life भी बर्बाद कर सकता। गुस्सा हमे किसी अन्य व्यक्ति के कारण आया, लेकिन उसका नुक्सान तो हमें ही झेलना पड़ा। क्रोध करने से दूसरे व्यक्ति का क्या चला गया? हमने अपना ही नुक्सान किया। हमारी ही बुद्धि का नाश हुआ, रिश्तों में कड़वाहट पैदा हुई, हमने अपनी ही सम्पति को नष्ट किया और सबसे बड़ी बात कि हमने अपनी ही सेहत का नुक्सान किया। तो दोस्तों कभी भी गुस्से को अपने अंदर नहीं आने देना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही नुकसानदायक है।
खैर अब बात आती है गुस्सा करने के फायदों की । वैसे तो गुस्सा करना नुकसानदायक ही है, लेकिन फिर भी जैसा को आपको कहा था कि गुस्सा करने के भी फायदे होते है तो फिर फायदे तो बताने ही पड़ेंगे। तो अब आप पढ़िए, लेकिन जरा ध्यान से पढ़ियेगा….. क्योंकि यह अति महत्वपूर्ण है कि इसको आप deeply समझ सके। गुस्से का वैसे सीधा-सीधा तो कोई benefit नहीं है लेकिन अगर आपका गुस्सा आपके control में है या फिर अगर आप control कर सकते है तो फिर इसका बहुत benefit आप ले सकते है। तो अब पढ़िए गुस्सा करने के फायदों के बारे में-
अब आप ध्यान से पढ़ियेगा इस रोचक तथ्य के बारे में कि गुस्सा करने के भी लाभ हो सकते है। क्योंकि आज तक जिसने भी कही पर भी पढ़ा या सुना होगा ,सिर्फ गुस्से से होने वाले नुकसानों के बारे में ही पढ़ा-सुना होगा। लेकिन आज आप GyanPunji पर गुस्से से होने वाले लाभ के बारे में भी जान सकेंगे। लेकिन याद रखियेगा इसका तभी फायदा है अगर आपका गुस्सा आपके काबू में है अन्यथा गुस्से करने से हानि ही होती है। अब पढ़िए इसके फायदों के बारे में –
गुस्सा वैसे तो बहुत खतरनाक है,इससे हमारा ही अधिक नुक्सान होता है न कि उसका जिसपर हम गुस्सा निकाल रहे हो। लेकिन कभी-कभी गुस्सा करना फायदा भी दे जाता है। लेकिन ऐसे गुस्से पर आपका पूरी तरह से control होना चाहिए। अगर आपका गुस्सा आपके नियंत्रण में है और आप जानते है कि आप क्या बोल रहे है,मतलब कि जो भी शब्द आप गुस्से में भी बोल रहे है ,अगर वह आपकी चेतना यानी की दिमाग पर नियंत्रण रखते हुए ही बोले जा रहे है तो इसका सबसे बड़ा फायदा दूसरों को समझाने के लिये किया जा सकता है।
अगर आप नहीं समझे तो एक example के द्वारा आप समझ जाएंगे।
मान लीजिए आपका कोई दोस्त है, आपका कोई करीबी मित्र जिससे आप बहुत प्रेम करते है, और उसपर आप कभी गुस्सा हो ही नहीं सकते। लेकिन अगर ऐसा मित्र किसी गलत संगत में या किसी गलत काम में पड़ जाता है और आपके द्वारा बार-बार प्रेम से समझाने पर भी वह न समझे तो आपको गुस्सा करने का प्रयत्न करना चाहिए। आपके मित्र को ऐसा लगे कि आप उसपर गुस्सा है, उसे गुस्से से समझाये ,प्रेम से नहीं। क्योंकि प्रेम से तो उसे समझ में नहीं आया। गुस्से में कुछ इस प्रकार समझाये कि उसे लगे आप बहुत गुस्से में है। गुस्सा करिये भी, लेकिन याद रखे आपका गुस्सा आपके नियंत्रण में ही हो। क्योंकि अगर आपका गुस्सा आपके नियंत्रण में है और आप भली-प्रकार से जानते है कि आप क्या बोल रहे है और जो बोलना चाहिए वही बोल रहे हो तो यह गुस्सा आपके दोस्त की जिंदगी बदल सकता है और आपकी भी क्योंकि वह अगर समझ जाए तो सही रास्ते पर आ जायेगा और आपका सबसे प्रिये मित्र भी आपके साथ ही रहेगा।
तो दोस्तों यह गुस्सा करने का सबसे बड़ा benefit है कि गुस्से को नियंत्रण में रखकर हम किसी को सुधार भी सकते हों।
अब जानते है गुस्सा करने का एक और फायदा-
वैसे तो कभी भी गुस्सा मत कीजिये लेकिन मान लीजिए अगर आपको गुस्सा आ भी गया, लेकिन उसी वक्त आपको एहसास हो गया कि आप जो बोले गलत बोले है तो उस बात को उसी समय मज़ाक में टाल दीजिये।
अगर यह बात अभी भी नहीं समझे तो इसे भी एक example के द्वारा समझिये-
अगर कोई विवाहित है, मान लीजिए अगर उसे अपनी पत्नी पर किसी वजह से गुस्सा आ भी जाता है और गुस्से में अपशब्दो का प्रयोग करता है ,लेकिन उसी समय उसे अपनी गलती का एहसास हो जाए तो उस गुस्से को खत्म कीजिये और उस बात को मज़ाक में टाल दीजिये। अगर गुस्सा करने के बाद पत्नी कहे कि मैं मायके जा रही हूँ। तो आप उसे जाने दीजिए, रोकिये मत। बस इतना कहिये तुम मायके जाओ मैं भी अपने ससुराल जा रहा हूँ और बच्चों को उनके ननिहाल भेजने लगा हूँ। अगर ऐसा भी नहीं कह सकते तो एक काम करे, अपना और पत्नी का bag इकट्ठा या अलग-अलग बाँध ले और कहिये चलो चलते है तुम्हारे मायके😀।
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बस फिर क्या हो जाइये आगे से मज़ाकिया mood में। गुस्सा करिये खत्म और शांत होने के बाद आराम से बात को सुलझा लीजिये या फिर वही की वही पर खत्म कर दीजिए। याद रखिये पति-पत्नी का रिश्ता जन्मों-जन्मों का होता है और किसी भी विवाहित का सबसे भरोसेमंद साथी उसका/उसकी पति/पत्नी ही है।
Note: वैसे तो कभी भी गुस्सा नहीं करना चाहिए, खासतौर पर पति-पत्नी को आपस में कभी नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर कभी आ भी जाए तो उस बात को मज़ाक में ले जाकर उस गुस्से को वही पर खत्म कर देना सबसे बढ़िया है।
तो दोस्तों अब आप गुस्सा होने के कुछ फायदे तो समझ गए, situation के हिसाब से आप इससे भी अच्छी तरह से जान सकते है कि गुस्सा करने का आपको क्या benefit मिल सकता है।
दोस्तों, फिर से वही बात द्वारा से कहूंगा गुस्सा करना बहुत बुरी बात है,यह हमें भी नुक्सान देता है और दूसरे व्यक्ति को भी। लेकिन अगर आपका गुस्सा आपके control में है तो आप उसका फायदा भी ले सकते है। लेकिन अपने क्रोध को अपने पर हावि न होने दे और अपने दिमाग पर और शब्दों पर पूरा नियंत्रण रखें तभी आप क्रोध से भी फायदा ले सकते है।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ इस article के द्वारा जो समझाने का प्रयास किया गया है,वह आप समझ गए होंगे। लेकिन अगर अभी भी इस article में अगर आपको कोई confusion है तो comment करके जरूर पूछ लीजियेगा क्योंकि गुस्सा होता तो हानिकारक ही है। दोस्तों अगर आपको यह article पसन्द आया तो हमें comment करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ share करना न भूले।
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क्रोध अच्छा भी होता है ! बुरा भी !
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
Nice article,I have understood my problem.thanks for help me by this article.
very nice post.....Gusse ke bare me kafi janne ko mila.....mere hisab se gussa means negative energy....jisse kabhi kisi ka kisi bhi tarah se koi bhi fayeda aaj tak nahi hua....aur na hoga......vese is negative energy ko positive banakar Use me lena koi birla hi janta hai....
ji Amul ji, gusse ke nuksaan to bahut hai lekin agar hmara apne gusse par proper control hai to isi gusse ko taakat bhi bnaya ja skta hai,lekin iske liye patience aur dil aur dimag par proper control jruri hai..... agar control ho to negative energy bhi positive bn jaati kyki energy to hai hi bs uska use sahi hona chahiye .....jaise ki aag (fire) vo laabhdayak bhi hai agar limits me ho aur agar limits ke bahar ho to haanikaarak bhi.....Dhanyawad Amul Ji
आपकी पोस्ट का जब मैंने टाइटल पढ़ा तब लगा की शायद कोई कहानी होगी but जब पोस्ट पढ़ी तो एक बहुत बड़ी चीज गुस्से के बारे में सीखने को मिली। आपने क्रोध जैसे विषय पर बहुत अच्छा पोस्ट लिखा है। इसके फायदे व नुकसान जानकर सीखने को मिला।
Dhanyawaad Surendra Ji.....
Wah ! Gusse se kaise bache vo apse sikhe. Sach a nice article.
shukriya Krunal Ji
आपकी पोस्ट बहुत अच्छी है। क्रोध ही सब दोषों की जड़ है। क्रोधी व्यक्ति का कहीं सम्मान नहीं होता है।
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी |
अब तक तो मै यही समझती थी कि गुस्सा किसी भी चीच का हल नही होता है लेकिन आप के लेख को पढकर गुस्से के प्रति नई बातें पता चली । बहुत बढिया लेख । धन्यवाद ।
VERY NICE