Gussa Machis Ki Tilli Ki Tarah Hai
गुस्सा करने से हमारा अपना ही नुक्सान होता है।
जैसे माचिस की तिल्ली पहले स्वयं जलती है
और उसके बाद किसी अन्य वस्तु को जलाती है ।
ठीक वैसे ही हमारा क्रोध है ,
हमारा क्रोध पहले हमे जलाएगा
और फिर किसी दूसरे को हानि पहुंचाएगा ।
क्रोध करने से सभी को हानि ही होगी ,फायदा किसी को भी नहीं मिलना ।
इसलिए जितना हो सके क्रोध करने से बचना चाहिए ।
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