Meri Ardaas Ishwar Se Prathna
बस यही अरदास है मेरी मेरे भोले जी से,
जब तक जिऊँ उनका होकर जिऊँ
जब तक रहे प्राण इस शरीर में,
दुसरो का भला करता रहूं
नही मांगता बल दूसरों को नीचा या कमजोर साबित करने का,
मांगता हूं बस यह कि शक्ति दें वो इतनी
कभी किसी दीन-दुखियारे को न देखूँ
और अगर कभी दिख भी जाये,
तो लायक होऊं इतना कि उसके काम आ सकूँ
नही चाहिए मुझे ऐसा बल,
जिससे कमजोरों पर जुल्म करूँ
हो ऐसी कृपा बस,
कि हर एक का भला करूँ
नही चाहिए ऐसा धन,
जिसके अहं में दूसरों को कम समझूँ
बस चाहिए ऐसा मन,
जो हो हर समय दूसरों की मदद के लिए तत्पर
नही मांगता इतनी अधिक उम्र,
कि जिऊँ सैंकड़ो वर्षों तक
रखे बस तब तक,
जब तक रहूं निर्भर खुद पर
मन में रहे हमेशा निस्वार्थ भाव,
और मान रहे बस आत्मनिर्भर रहने का
इसके अतिरिक्त न मांगू कुछ
न ही इससे अधिक चाहूँ कुछ
बस हो यही इच्छा पूरी मेरी
कि सब के सब रहे खुशहाल हमेशा हमेशा के लिए।