नमस्कार दोस्तों! मै’ प्रिया पॉल आज के इस पोस्ट में ऐसे विषय पर लिखने जा रही हूँ जो आज के समय में हर किसी की समस्या है। हर कोई परेशान है कि मुश्किलों का सामना कैसे करना है?
सबसे पहले हम कुछ सामान्य कारणों के विषय में बात करेंगे जिसकी वजह से हमारी ज़िंदगी (life) में मुश्किलें आती हैं-
जब हम किसी काम को बिना सोचे ही करना शुरू कर देते तो हमे आगे क्या होने वाला है उसका कोई idea नही रहता। यह ठीक उसी तरह है जब कोई अँधेरे में नए रास्ते पर चलना शुरू कर दे। उसको कोई खबर नही होती कि रास्ता कहाँ तक जाता है। ठीक उसी तरह जब हम बिना जाने किसी काम को करते है और हमे पता ही नही होता कि इस काम को करने से आगे इसके क्या-क्या फायदे या नुकसान हो सकते है तब हमे मुश्किलें आती और ऐसी मुश्किलें आती जिनका हमे कोई idea भी नही होता।
जब कोई अपना दिमाग 10 चीजों पर लगता और एक भी काम ठीक से नही कर पाता तब मुश्किलें आती है।
मान लीजिए study का समय है और साथ ही साथ मेरे मन में यह चल रहा है कि इस समय टेलीविज़न पर क्या आ रहा होगा या फिर अभी मोबाइल फ़ोन की नोटिफिकेशन बजी, तो किसका मैसेज आया होगा या क्या नोटिफिकेशन आयी होगी इत्यादि तो फिर मैं अपना focus study पर कैसे कर पाउंगी। जरूरी काम है study लेकिन बिना वजह ध्यान divert हुए जा रहा है उन चीजों पर जिनकी वजह से सिर्फ समय बर्बादी है, तो ऐसे में न स्टडी पर ध्यान केंद्रित हो पाया और न ही कुछ अन्य काम हो पाया और सम्पूर्ण समय हो गया नष्ट। तो इसलिए जो भी काम करे उसपर focus करके , उसी काम को ही करे।
ऐसे ही अन्य बहुत सारे कारण है जिनकी वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हमारी life में ऐसी बहुत परिस्थितियां आती हैं जिसमे हमारी कोई गलती भी नही होती फिर भी हमे काफी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ जाता है और यही ज़िन्दगी है और यही जिंदगी का सच भी है।
भूकंप को सहने वाले मकान, भूकंप वाले इलाके में ही बनाए जाते है। ऐसे ही कुछ चीजें है जो हम सिर्फ आंधी तूफ़ान का सामना करके ही सीख सकते हैं। आंधी तूफान से मेरा तात्पर्य यहाँ ज़िन्दगी में आने वाली मुश्किलों से है। यही मुश्किलें हमे मजबूत बनाती है। जैसे एक साधारण से पत्थर की कोई कीमत नही होती लेकिन जब मूर्तिकार उसको ठोक-ठोक कर एक मूर्ति में परिवर्तित कर देता है तब उसी पत्थर की कीमत कई गुना बढ़ जाती। वैसे ही ज़िन्दगी भी हमे लाखों परेशानियां देती है ताकि हम उस परेशानी से जूझने के बाद strong बन कर उभरे।
अब हम इस बारे में बात करेंगे कि मुश्किलों से कैसे बचना है या उनका सामना कैसे करना है?-
सबसे पहले तो आपको यह पता करना होगा कि आपकी problelm क्या है? आधी प्रॉब्लम तो तभी ही solve हो जाएगी। अब मान लीजिए मेरा पेट दर्द है, लेकिन मुझे पता ही नही मुझे हो क्या रहा है तो फिर दवा किस चीज की ले पाउंगी? अगर बुखार की दवा ले ली, तो वह दवा फायदा देने के बजाए reaction कर देगी। अगर पता होगा पेट दर्द है और लेट दर्द की ही दवा लेंगे, तभी तो पेट दर्द सही होगा। ऐसे ही परेशानियों के साथ है, पहले पता कीजिए परेशानी क्या है, फिर उसका हल उसी के हिसाब से निकलेगा।
आपको जब भी कोई मुश्किल आये तो खुद को परेशान करने के बजाय अपना फोकस प्रॉब्लम का solution ढूंढने में लगाये. खुद को बाकी जगह distract न करे।
आपको खुद से वादा करना पड़ेगा की life में कोई भी मुश्किल आये, आप लड़ेंगे। आपको परेशानियों से जूझना है न कि मुश्किलों को देख कर मुंह फेरना है। जब आपको लगे कि आप मुश्किल में फंसे हो तो सबसे पहले सबसे बड़ी मुश्किल का हल निकालना शुरू कीजिए और अपना यह goal बना लीजिये कि आपको किसी भी हाल में इस problem को solve करना ही करना है। सबसे बड़ी प्रॉब्लम को पहले solve करने से आप खुद को इतना मजबूत बना लेंगे कि आगे आने वाली problems का सामना करना आपके लिए आसान हो जायेगा.
लेकिन एक और बात, जरूरी नही हमेशा सिर्फ सबसे बड़ी problems को ही सही करने से शुरुआत की जाए। कभी कभी ऐसा भी होता है कि हम छोटी-छोटी समस्याओं को सही करे तो बड़ी समस्या से कैसे निपटना है, हमे सहजता से आ जाता है। अब मान लीजिए अगर किसी को Maths में addition (जमा करना) करनी आती होगी तभी तो वह बाद में multipication आसानी से कर पाएगा। यह नही कि सीधा ही multipication करना कोई सीख जाए। इसलिए प्रॉब्लम का पता लगाना भी जरूरी है, फिर उसका हल उसी के हिसाब से।
ये आपको सुनने में सामान्य बात लग सकती है, लेकिन बहुत लोग ऐसे होते जो अपनी problems किसी से discuss नही करते। जब आप लोगों से बात करेंगे, अपनी परेशानी शेयर करेंगे तो आप खुद को track पर रख पाएंगे। पर यहाँ आपको इस बात का ध्यान रखना है कि अपनी परेशानी ऐसे लोगो को न बताये जो बाद में उसी का फायदा उठा ले। आप उन्ही से बात करे जिनपर आपको भरोसा हो।
जब कुछ गलत हो रहा हो तब आपको खुद आभास हो जायेगा, उस समय अपने मन की बात को ignore नही करना चाहिए। आपका मन आपको एक न एक बार hint ज़रूर देता है कि कब आप सही हो और कब गलत। लेकिन ध्यान रखिए मन के भी दो पहलू होते है, एक postive और एक negative। Positive यानी कि सकारात्मक मन आपको हमेशा मेहनत के बारे में कहेगा भले ही वह मुश्किल हो, वही Negative यानी कि नकारात्मक मन आलस्य की तरफ लेकर जाएगा।
आपको खुद के प्रति हमेशा इमानदार रहना चाहिए। आप ऐसा कोई निर्णय न लें जिससे बाद में आपको मुश्किल का सामना करना पड़े। यदि गलती से कोई ऐसा निर्णय ले भी लें तो उसको सुधारने का प्रयास करें, उसका हल ढूंढे।
आपकी छवि आपके आस पास रहने वाले लोगों पर भी निर्भर करती है। आप जैसी संगती में रहते हैं वैसा ही बन जाते है और वैसे ही काम करने लगते है. इसीलिए तो कहा गया है –
“कोयले की दलाली में मुंह काला।”
लेकिन यह भी याद रखें कि
“कबिरा संगत साधु की , ज्यों गन्धी की बास । जो कुछ गन्धी दे नहीं , तो भी बास सुबास ।।”
इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखिये कि आप जैसे लोगो के साथ रह रहे उनका आपकी life पर क्या असर पड़ रहा है? ऐसे लोगो के साथ रहना avoid करें जो आपकी मुश्किलें हमेशा बढ़ाते रहते है और अच्छे सज्जनों के साथ रहकर अपने ज्ञान और अनुभवों में बढ़ोतरी करे।
अपना निर्णय खुद ले, आपके लिए क्या सही है और क्या गलत ये सबसे बेहतर आप ही जानते है। इसलिए अपना फैसला खुद ले। राय हर किसी से ले, सुने सभी, लेकिन करना वही जो खुद को सही लगे। किन्तु एक और बात याद रखिए कि अहंकार में भी न आए और जो आपका हित चाहते है ऐसे अपने से अनुभवी लोगों की बात को ध्यान से सुने, हो सकता हो, वह सही कह रहे हो। इसलिए हर निर्णय दूरदर्शिता के साथ लें।
जब आपको लगे कि आपकी मुश्किलें बहुत जादा है तो उन्हें छोटे-छोटे steps में divide करे और एक-एक कर के हल ढूंढिए। जब भी आपको ऐसा लगे की आप और आगे नही बढ़ पाएंगे और give up करने का मन करे तब बस अपने मन में इतना सोच लें कि जब आप अपनी मुश्किलें हल कर लेंगे तो आपको कैसा महसूस होगा? ये आपकी life में क्या क्या changes लायेगा? यानी कि अपनी मेहनत से मिलने वाले परिणामों के बारे में सोचकर खुद को उत्साहित कीजिए।
इंसानों से गलती होती है पर इंसानों में सीखने की क्षमता भी होती है। इसीलिए तो कहा गया है कि ‘इंसान गलतियों का पुतला है (To Err Is Human)।”अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें वापस से न दोहराएं।
तो ये कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुएँ हैं जिनका आपको खास ध्यान रखना है. ये बिन्दुएँ आपको मुश्किलों का सामना करने में ज़रूर मदद करेगी. दोस्तों आपको यह लेख “जीवन में मुश्किलों का सामना कैसे करे (How to Face Difficulties in Hindi) ” कैसा लगा, हमे कमेंट करके जरूर बताएं।
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