रवीन्द्र नाथ टैगोर की जीवनी(Rabindranath Tagore Biography in Hindi)

हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन” लिखकर जिन्होंने देश को संगीत में पिरोया, भारतवर्ष को अपना एक राष्ट्रीय गीत दिया, अपनी कला के जोर पर पूरे एशिया में जिन्होंने सर्वप्रथम नॉवेल प्राइस जीत कर देश को खूब प्रसिद्ध कर दिया था;
कभी लिखकर, कभी गा कर और कभी चित्र बनाकर अपनी भावनाओं को लोगों के साथ जोड़कर जिन्होंने प्रस्तुत किया, वही थे रवीन्द्र नाथ टैगोर जी।

पृथ्वीराज चौहान जीवनी(Prithviraj Chauhan Biography in Hindi)

भारतीय उपमहाद्वीप में छठी शताब्दी में कई राजपूत वंशों का उदय हुआ जिन्होंने उपमहाद्वीप के अलग अलग क्षेत्रों में शासन किया। इन्ही राजपूत परिवारों में से एक था “चौहान वंश” जो वर्तमान भारत के राजस्थान तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में छठी से बारहवीं शताब्दी तक शासन करता था । चौहान वंश अपने साहस और शौर्य के लिए जाना जाता था।

महर्षि पाणिनि जीवन परिचय (Maharshi Panini Biography in Hindi)

परिचय:- संस्कृत भाषा के सबसे बड़े व्याकरणवेत्ता हुए हैं महर्षि पाणिनि जी। संस्कृत भाषा के व्याकरण का निर्माण इन्होंने ही किया था।हमारे देश में जितनी भी भाषाएं बोली जाती हैं सभी की उत्पत्ति या शुरुआत संस्कृत से ही हुआ है, और उस संस्कृत भाषा को व्याकरण रूपी संबल प्रदान कर पाणिनि जी ने ही उसे … Read more

मुश्किलो का सामना कैसे करे (How to Face Difficulties)

नमस्कार दोस्तों! मै’ प्रिया पॉल आज के इस पोस्ट में ऐसे विषय पर लिखने जा रही हूँ जो आज के समय में हर किसी की समस्या है। हर कोई परेशान है कि मुश्किलों का सामना कैसे करना है? हमारी ज़िन्दगी में मुश्किलें क्यों आती है सबसे पहले हम कुछ सामान्य कारणों के विषय में बात … Read more

ऐसी बातें जो माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सीखाएं

हर अभिभावक चाहता है कि उनका बच्चा उनसे भी अच्छा इंसान बने । इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसी अच्छी आदतें बताएंगे जो आपको बच्चों को जरूर सीखानी चाहिए। इसीलिए इस बदलती दुनिया में वह संवेदनाएं बचाये रखने की कोशिश में लगा रहता है । इन्हीं में से एक है प्रकृति और प्राणियों की परवाह। … Read more

अतिथि… हमारे सुख/दुख के साथी

अतिथि देवो भव पर निबंध

अतिथि कौन है? हम अतिथि को मेहमान के नाम से भी जानते है| हमारी भारतीय संस्कृति में अतिथि सम्मान के सूचक है | अगर हम पहले समय की बात करें तो अतिथियों का आदर सम्मान करने की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है |जब भगवान श्री कृष्ण के यहाँ सुदामा एक अतिथि … Read more