मनोज ध्यानचंद सिंह जीवनी (Manoj Dhyanchand Biography In Hindi)

सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।।

हॉकी के जादूगर के नाम से जाना जाने वाला, मेजर ध्यानचंद जी के नाम:-
अंतर्राष्ट्रीय में:- 400 गोल
ओलंपिक में:- 35 गोल
पहली बार हॉकी खेलते हुए:- 3 गोल
सब मिलाकर के हजार से भी ज्यादा गोल करने वाले,अपनी कला से खुद को हॉकी का जादूगर कहलाने वाला और कोई नहीं मेजर ध्यानचंद जी थे। जो अपने हर एक दूसरे प्रतियोगिता में एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लेते थे।

सम्राट अशोक

“सर्वविजयी एक सम्राट की, गाथा बहुत ही खास है,
पराक्रम से भूगोल था, अब गौरवमयी इतिहास है।
गंधार से पुलिंद तक, राज्य अविभाज्य था,
सम्राट जब अशोक थे, खुशहाल मगध साम्राज्य था।”

बीरबल साहनी

जीवों की उत्पत्ति के विषय में वैज्ञानिक कई वर्षों की खोज और संशोधनों के पश्चात दुनिया के सामने गूढ़ तथ्यों और रहस्यमई जानकारियों को प्रकट कर पाएं हैं। आज भी दुनिया के वैज्ञानिक, पुरातत्विद, भूवैज्ञानिक इत्यादि विभिन्न विभागों से संबद्ध वैज्ञानिक इस धरती की उत्पत्ति, जीवों की उत्पत्ति, वनस्पतियों की उत्पत्ति इत्यादि से संबंधित अन्य जानकारियों के बारे में और अच्छे से जानने के लिए लगे हुए है ताकि मनुष्य अपने इतिहास के बारे में सम्पूर्ण रूप से जान पाए।

रवीन्द्र नाथ टैगोर की जीवनी(Rabindranath Tagore Biography in Hindi)

हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन” लिखकर जिन्होंने देश को संगीत में पिरोया, भारतवर्ष को अपना एक राष्ट्रीय गीत दिया, अपनी कला के जोर पर पूरे एशिया में जिन्होंने सर्वप्रथम नॉवेल प्राइस जीत कर देश को खूब प्रसिद्ध कर दिया था;
कभी लिखकर, कभी गा कर और कभी चित्र बनाकर अपनी भावनाओं को लोगों के साथ जोड़कर जिन्होंने प्रस्तुत किया, वही थे रवीन्द्र नाथ टैगोर जी।

पृथ्वीराज चौहान जीवनी(Prithviraj Chauhan Biography in Hindi)

भारतीय उपमहाद्वीप में छठी शताब्दी में कई राजपूत वंशों का उदय हुआ जिन्होंने उपमहाद्वीप के अलग अलग क्षेत्रों में शासन किया। इन्ही राजपूत परिवारों में से एक था “चौहान वंश” जो वर्तमान भारत के राजस्थान तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में छठी से बारहवीं शताब्दी तक शासन करता था । चौहान वंश अपने साहस और शौर्य के लिए जाना जाता था।

महर्षि पाणिनि जीवन परिचय (Maharshi Panini Biography in Hindi)

परिचय:- संस्कृत भाषा के सबसे बड़े व्याकरणवेत्ता हुए हैं महर्षि पाणिनि जी। संस्कृत भाषा के व्याकरण का निर्माण इन्होंने ही किया था।हमारे देश में जितनी भी भाषाएं बोली जाती हैं सभी की उत्पत्ति या शुरुआत संस्कृत से ही हुआ है, और उस संस्कृत भाषा को व्याकरण रूपी संबल प्रदान कर पाणिनि जी ने ही उसे … Read more