दोस्ती का सच्चा अर्थ (True Meaning Of Friendship In Hindi)
दोस्तों, लोग अक्सर कहते है कि दोस्त ही वह इंसान होते है जो दोस्तों में बुरी बातें डालते है। अधिकतर किसी से भी पूछ लें, अगर कोई गाली देता हो तो कह देगा कि मेरे दोस्तों ने मुझे सीखा दी। अगर किसी को शराब या सिगरेट की बुरी आदत लगी हो तो वह भी कह देंगे कि “यार! क्या करे मेरे दोस्त है ही ऐसे, उन्होंने मुझे यह बुरी आदत डाल दी।” और वह यह बात कहते भी बड़े गर्व से है।
अधिकतर जिधर कही भी देख लें, सब ऐसा ही कहते है कि दोस्तों के कारण सब बुरी आदतें पड़ गयी।
क्या दोस्त बुरे ही होते है?
नही दोस्तों, दोस्त वह नही जो आपको बुराई सिखाएं। ऐसे लोग दोस्ती का मुखोटा पहने हुए आपके वह दुश्मन है जो दीमक की भांति आपको अंदर ही अंदर खाते रहते और आपको पता भी नही चलता।
दोस्त तो वह होता है जो आपको सिर्फ और सिर्फ अच्छाई सिखाएं। दोस्ती शब्द का तो अर्थ भी क्या खूब है-
“दोस्त वही,
जो दोषों को अस्त कर दें।”
इसलिए दोस्तो, दोस्त वह नही होता जो आपमें दोष डाले, दोषों को बढ़ाएं, बल्कि सच्चा दोस्त तो वह है जो आपके दोषों को अस्त यानी कि खत्म कर दें।
इसलिए सोच-समझकर ही किसी को अपना सच्चा मित्र कहे। ऐसा भी हो सकता है, जिन्हें आप अब तक अपना दोस्त समझ रहे है, वह दोस्त नही, बल्कि दोस्ती का मुखोटा पहने हुए दीमक हो।
सच्चा दोस्त (Who Is True Friend?)
सच्चा दोस्त, सच्चा दोस्त कौन होता है? आखिर हम किसे अपना सच्चा मित्र कहे? क्या मित्र वह है, जो हमारे अंदर बुरी आदतें विकसित करे? नही, मित्र तो वह है, जो खुद भी अच्छा हो और हमारे अंदर भी अच्छाई जागृत कर दें और जितनी भी हममे बुराई है, उसे वह अपनी अच्छाई से समाप्त कर दें और हमे भी अच्छा बना दे।
तो दोस्तों, आपको दोस्ती के सच्चे अर्थ पर यह छोटा-सा लेख कैसा लगा, हमे कमेंट करके जरूर बताएं और अगर पसन्द आया हो तो अपने अच्छे और बुरे सब तरह के मित्रों के साथ शेयर जरूर करें। अच्छे मित्रों के साथ शेयर करेंगे तो उन्हें दोस्ती पर गर्व महसूस होगा और अगर बुरे मित्रों के साथ भी शेयर करेंगे तो उम्मीद है शायद वह सुधर जाएं।
आगे भी ऐसे ही अन्य लेख/विचार पढ़ते रहने के लिए GyanPunji.com हमेशा याद रखें।