झूठ बोलना या झूठ का साथ देना एक ऐसा अज्ञान है, जिसमें डूबे हुए लोग कभी भी सच्चे ज्ञान या सफलता को नहीं पा सकते।
धर्म में अस्था न रखने वाले और सज्जन या ज्ञानी लोगों का मजाक उड़ाने वाले लोगों का विनाश जल्दी ही हो जाता है।
मोह या लालच से मनुष्य को मृत्यु और सत्य से लंबी आयु और सुखी जीवन मिलता है।
धरती पर अच्छा ज्ञान या शिक्षा ही स्वर्ग हैं और बुरी आदतें या अज्ञान ही नरक है।
अपने मन और इन्द्रियों को वश में रखने वाले मनुष्य को जीवन में किसी भी तरह के कष्ट का सामन नहीं करना पड़ता है। ऐसे मनुष्य के मन में दूसरों का धन देखकर भी जलन जैसी भावनाएं नहीं आती।
पुण्य कर्म जरुर करना चाहिए, लेकिन उनका दिखावा बिल्कुल भी न करें। जो मनुष्य लोगों के बीच तारीफ पाने के लिए या दिखावे के उद्देश्य से पुण्य कर्म करता है, उसे उसका शुभ फल कभी नहीं मिलता।
सभी लोगों के साथ एक सा व्यवहार करने वाला और दूसरे के प्रति मन में दया और प्रेम की भावना रखने वाला मनुष्य जीवन में सभी सुख पाता है।
जिस काम को करने के पुण्य की प्राप्ति हो या दूसरों का भला हो, उसे करने में देर नहीं करनी चाहिए। जिस पल वे काम करने का विचार मन में आए, उसी पल उसे शुरु कर देना चाहिए।