गुरु देव श्री श्री रविशंकर  जी के  इन 7 उपदेशो  को जीवन मे  अपनाए  |

जितना अधिक तुम दुसरो का सम्मान करते हो , उतना ही अधिक तुम्हारा मोल है | ज्ञानी वह है जो सबका सम्मान करता है 

सभी नकारात्मक भावनाओ को योग के माध्यम से ठीक किया जा सकता है | चाहे वह लोभ, ईर्ष्या , क्रोध , घृणा  या निराशा ही क्यों ना हो !

अतीत  को बार - बार सोचते रहने से कुछ भी नहीं मिलता है | इसे जाने दो !

जीवन का ज्ञान तुम्हे आत्मविश्वास देता है और मृत्यु का ज्ञान तुम्हे निडर बनाता है !

मन मे कैसे भी और कितना भी कूड़ा हो , गुरु उसे लेने के लिए  तैयार है |  तुम जैसे भी हो , गुरु तुम्हे स्वीकार कर लेगे |

अपने हृदय को सुरक्षित  और मन को पवित्र रखने के लिए तुम्हे परमात्मा से बेहतर और कोई स्थान नहीं मिल सकता |

अकेले होने पर भी भीड़ का अनुभव अज्ञानता है , भीड़ मे भी एकांत का अनुभव ज्ञान है |

अकेले होने पर भी भीड़ का अनुभव अज्ञानता है , भीड़ मे भी एकांत का अनुभव ज्ञान है |