झुक झुक कर सीधा खड़ा हुआ अब फिर झुकने का शोक नहीं अपने ही हाथों रचा स्वयं तुमसे मिटने का खोफ नहीं तुम हालातों की भट्टी मे जब जब भी मुझको झोकोगे तब तप कर सोना बनूगा मै|
एक चुनौती है इसे स्वीकार करो क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो जब तक सफल ना हो नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम कुछ किए बिना ही जयजयकार नहीं होती|
जीवन मे बुद्धि के साथ साथ गत्ती का होना भी कितना आवश्यक है जीवन मे यदि आगे बढ़ना है तो ना सिर्फ हमें दोड़ना है बल्कि दूसरो को भी पीछे छोड़ना है तभी हमें वो हासिल हो सकता है जिसकी हमे तलाश रहती है |
पैसा तो हर कोई कमा लेता है लेकिन इज्ज़त कमाना सबकी बस की बात नहीं |
जो अपने पुराने अनुभव को वर्त्तमान की लगन से मिलाकर भविष्य पर निगाह रखते है सफलता उसी को मिलती है सपने उसी के साकार होते है