आज वही कल है
जिस कल की फिक्र तुम्हे कल थी
कल वही कल था
जिस कल की फिक्र तुम्हे कल से पहले थी
कल वही कल आएगा
जिस कल की फिक्र तुम्हे आज है।
सब बीता (व्यतीत) जा रहा है और जो नही बीता वह भी बीत जाएगा। न समय रुका है और न ही समय रुकेगा, इसलिए जो बीत गया, चाहे जैसा भी बीता हो, अगर बढ़िया बीता फिर तो अच्छी बात है लेकिन अगर बुरा था तो भूल जाओ क्योंकि यह भी बीत जाएगा और आने वाले कल के लिए पुरुषार्थ करो, मेहनत करो परिश्रम करो। सद्कर्म करो और ईश्वर का नाम जपो। फिर कल जैसा भी हो, जो भी होगा सब उसकी कृपा से भला ही होगा, अगर कुछ बुरा भी लगे तो याद रखना अग्नि में तपे बिना तो सोना भी कंचन नही होता।
इसलिए उस कल की चिंता छोड़िए जो कल कब का बीत चुका है और उस कल का भी अधिक न सोचिये जो आने वाला है क्योंकि अगर हम हमारे आज को ही बढ़िया कर देंगे तो आने वाला कल बढ़िया ही होगा।